The emergence of spirituality in life — जीवन में आध्यात्मिकता का प्रादुर्भाव

इस भागदौड़ भरी जिंदगी ने मनुष्यों के मन में अशांति उत्पन्न की है। और इस मानसिक अशांति ने अनेक रोगों को जन्म दिया है। इन रोगों से छुटकारा पाने के लिए हमें मानसिक शान्ति को खोजना होगा | मानसिक शान्ति आध्यात्मिकता की ओर जाने से प्राप्त हो सकती है। आध्यात्मिकता को परिभाषित करना इतना आसान नहीं है, क्योंकि आध्यात्मिकता कई प्रकार की होती है जैसे धर्म में आध्यात्मिकता और धर्म के बिना आध्यात्मिकता। आध्यात्मिकता के लिए प्रेरणा हमारी प्रकृति में ही निहित है, लेकिन व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिकता का प्रादुर्भाव अर्थात। The emergence of spirituality in life प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग अलग होता है। अर्थात आध्यात्मिकता का जन्म मेरे मन में अलग तरीके से होता है और अन्य लोगों के मन में अलग तरीके से हो सकता है।

The emergence of spirituality in life

The emergence of spirituality in life – जीवन में आध्यात्मिकता का प्रादुर्भाव

किस व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिकता का प्रादुर्भाव किस तरह होता है, इसे समझने के लिए अध्यात्म या आध्यात्मिकता को समझना होगा।

आध्यात्मिकता (Spirituality)

अध्यात्म स्वयं से परे, किसी चीज़ में विश्वास की व्यापक अवधारणा है| यह जीवन के अनेकों अर्थ जैसे– लोग एक दूसरे से कैसे जुड़े हैं? ब्रह्मांड का अस्तित्व कहाँ से है? ब्रह्मांड के बारे में सच्चाई क्या है, और मानव अस्तित्व के अन्य रहस्यों के बारे में सवालों के जवाब देने का प्रयास करता है। आध्यात्मिकता एक विश्व दृष्टि प्रदान करती है, जो सुझाव देती है कि जीवन में ज्ञानेन्दियों और भौतिक स्तर पर लोगों के अनुभव के अलावा भी बहुत कुछ है। अध्यात्म ये सुझाव देता है कि कुछ बड़ा है जो सभी प्राणियों को एक दूसरे से और स्वयं ब्रह्मांड से जोड़ता है। इसमें उच्च शक्तियों में विश्वास पर केंद्रित धार्मिक परम्पराएं शामिल हो सकती है। इसमें दूसरों और पूरी दुनिया के साथ एक व्यक्तिगत संबंध में समग्र विश्वास भी शामिल हो सकता है। आध्यात्मिकता बहुत से लोगों के लिए आराम और तनाव से मुक्ति का स्रोत रही है, जबकि लोग भगवान या उच्च शक्ति को खोजने के लिए कई अलग अलग मार्गों का उपयोग करते हैं। शोध में पता चला है कि जो लोग अधिक धार्मिक या आध्यात्मिक है, और जीवन में चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी अध्यात्मिकता का उपयोग करते हैं, वे अपने स्वास्थ्य और कल्याण के लिए कई लाभ अनुभव करते हैं।

आध्यात्मिकता के लक्षण (Signs of spirituality)

आध्यात्मिकता कोई एक मार्ग या यांत्रिक प्रणाली नहीं है। इससे तो केवल अनुभव किया जा सकता है। हम आध्यात्मिकता को कैसे अनुभव करते हैं ये व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है। कुछ लोगों के लिए आध्यात्मिकता एक विशिष्ट शक्ति या ईश्वर में विश्वास है तथा कुछ लोगों के लिए आध्यात्मिकता का अभिप्राय मानवता और प्रकृति के साथ अंतर जुड़ाव की भावना से है। हमारे जीवन में आध्यात्मिकता का प्रादुर्भाव The emergence of specialty in life कैसे हो रहा है, ये जानना बहुत जरूरी है। आध्यात्मिकता मन में प्रकट होती है तो व्यक्ति के मन में कुछ लक्षणों का उदय होता है। आध्यात्मिकता के कुछ लक्षण निम्न है।

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  • व्यक्ति के मन में कुछ गूढ़ प्रश्नों का आनाजैसे (1) मृत्यु के बाद क्या होता है? (2) जन्म लेने का औचित्य क्या है? (3) जीवन के दुखों का क्या अंत है, क्या आदि है?
  • अन्य लोगों के साथ गहरे संबंध।
  • दूसरों के लिए करुणा और सहानुभूति अनुभव करना।
  • परस्पर जुड़ाव की भावना को अनुभव करना।
  • ये जो भौतिक सुख सुविधाओं से परे खुशी की तलाश करना।
  • जीवन के वास्तविक अर्थ व उद्देश्य की तलाश करना ।

आध्यात्मिकता के मार्ग (Paths of spirituality))

आध्यात्मिकता अनुभव करने की विषय वस्तु है। प्रत्येक व्यक्ति अपने अपने अनुभवों के आधार पर अध्यात्मिकता को व्यक्त करते हैं। आध्यात्मिकता को पाने के मार्ग भिन्न भिन्न हो सकते हैं, परंतु ये भिन्न भिन्न मार्ग एक ही आध्यात्मिक लक्ष्य की ओर ले जाते हैं। आध्यात्मिकता के लक्ष्यों को अलग अलग मार्गों में अलग अलग तरीके से परिभाषित किया गया। आध्यात्मिक लक्ष्यों के कुछ मार्ग निम्न है।

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  • मेडिटेशन ( ध्यान )
  • प्रार्थना
  • अपने समुदाय की सेवा करना।
  • प्रकृति के साथ समय व्यतीत करना।
  • योग
  • वेदान्त

इसके अलावा कुछ लोग अपनी आध्यात्मिकता (being spiritual) को धार्मिक परंपराओं के माध्यम से व्यक्त करते हैं। अतः कुछ और मार्ग निम्न है।—

  • हिंदू धर्म।
  • बौद्ध धर्म।
  • इसाई रहस्यवाद
  • सूफीवाद
  • जैन धर्म
  • सिख धर्म
  • इस्लाम
  • मानव बाद
  • दाओंवाद / ताओवाद
  • यहूदी धर्म

आध्यात्मिकता के उपयोग (Use of spirituality)

लोगों के आध्यात्मिकता की ओर जाने के अनेक कारण हैं। इन कारणों में छिपे प्रश्नों के उत्तर तक पहुंचना ही आध्यात्मिकता का वास्तविक उपयोग है। आध्यात्मिकता के कुछ उपयोग निम्न है। —

  1. उद्देश्य और अर्थ खोजने के लिए – आध्यात्मिकता की खोज करने से लोगों को उनके मन में आने वाले दार्शनिक प्रश्नों के उत्तर खोजने में मदद मिलती है। जैसा जीवन का अर्थ क्या है? मेरा जन्म का उद्देश्य क्या है?
  2. तनाव, अवसाद और चिंता की भावना से छुटकारा पाने के लिए। आध्यात्मिक अनुभव बहुत ही कारगर हो सकते हैं।
  3. आशा और आशावाद को पुनः स्थापित करने के लिएआध्यात्मिकता लोगों को जीवन में अधिक आशावादी दृष्टिकोण विकसित करने में मदद काट सकती है।
  4. समुदाय और समर्थन की भावना खोजने के लिए क्योंकि आध्यात्मिक परंपराओं में अक्सर संगठित धर्म या समूह सामान होते हैं, ऐसे समूह का हिस्सा बनना सामाजिक संगठन के समर्थन का कार्य करता है।

अध्यात्म का प्रभाव ( Impact of spirituality )

आध्यात्मिकता या आध्यात्मिक विचार यद्यपि विश्वास की विषयवस्तु है। फिर भी विभिन्न शोध ये प्रदर्शित करते हैं कि जो लोग आध्यात्मिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं, उन्हें अधिक मानसिक शांति प्राप्त होती है। विज्ञान भी ये मान चुका है कि आध्यात्मिकता से मनुष्य को लाभ होता है। मैं कुछ शोध निष्कर्षों के द्वारा यह बताने का प्रयास करूँगा कि आध्यात्मिकता व्यक्ति के स्वास्थ्य और मन पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव डालती है। आध्यात्मिकता और स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ सकारात्मक शोध निष्कर्ष निम्न हैं—

  • शोध पत्रिका ” the journal of gerontology ” में प्रकाशित एक शोध। “ Coping With daily Stress : Differential role of spiritual exercise on daily positive and negative Affect.” में बताया है कि धर्म और आध्यात्मिकता लोगों को प्रतिदिन के तनाव के प्रभावों से निपटने में सहायता करते हैं। इस अध्ययन में बताया गया कि आध्यात्मिक अनुभव लोगों की नकारात्मक भावनाओं को कम करते है, तथा उनकी सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाते हैं।
  • शोध प्रबंध “ Spirituality as a lived experience : Exploring the essence of spirituality for women in late life. ” के अनुसार। वृद्ध पुरुषों की तुलना में वृद्ध महिलाएं भगवान के प्रति अधिक आस्थावान होती है, और इस आस्था के कारण उन्हें काफी हद तक तनाव मुक्त स्वास्थ्य प्राप्त होता है।
  • एक अन्य शोध “Examining. Spirituality and intrinsic religious orientation as a means of coping with exam anxietyके अनुसार एक आंतरिक धार्मिकता वाले लोगो ने बाहरी धार्मिकता बाले लोगों की तुलना में तनाव के प्रति कम शारीरिक प्रतिक्रिया प्रदर्शित की। अर्थात आन्तरिक धार्मिकता वाले लोगों पर तनाव का प्रभाव कम हुआ। आंतरिक धार्मिकता वाले लोगों से अभिप्राय उन लोगों से हैं जिन्होंने अपना जीवन भगवान या उच्च अदृश्य शक्ति को समर्पित कर दिया। जबकि बाहरी धार्मिकता वाले लोग वे है जो धर्म का इस्तेमाल अपने हित को पूरा करने के लिए करते हैं तथा धार्मिक आडंबर करते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

इस लेख में हमने जाना कि जब किसी व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिकता का प्रादुर्भाव ( The emergence of spirituality in life ) होता है तो उसे विश्व का स्वरूप अलग ढंग से नजर आता है। तब उसे सारी चीजें सकारात्मक नजर आती है और जीवन से नकारात्मकता का अंधकार दूर होने लगता है। आध्यात्मिकता को पाने के मार्ग भले ही भिन्न भिन्न हों, लेकिन उनका लक्ष्य एक ही है। अनेक शोध ये बताती है कि जो लोग आध्यात्मिक होते हैं या आध्यात्मिक समुदाय से जुड़े होते हैं, उन्हें अनेक स्थायी स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं। आध्यात्मिक लोगों में तनाव प्रबंधन व शारीरिक स्वास्थ्य का उच्च स्तर होता है। भगवान या उच्च शक्ति के प्रति श्रद्धा, भलाई की भावना, सत्यनिष्ठा, अपने कर्म के प्रति ईमानदारी, दूसरे की निंदा न करना, परदोष दर्शन के साथ साथ स्वदोष दर्शन की भावना का होना आदि आध्यात्मिकता के लक्षण हैं। जो व्यक्ति अपने तनाव को दूर करने के लिए आध्यात्मिक विधियों अपनाते हैं उन्हें शीघ्र ही आराम मिलता है प्रार्थना और आध्यात्मिक युवा और वृद्ध दोनों के लिए स्वर्ण रूप से कार्य करती है। शोधों के अनुसारप्रार्थना और आध्यात्मिकता से निम्न लाभ प्राप्त होते हैं –

  • अच्छा स्वास्थ्य
  • उच्च मनोवैज्ञानिक लाभ
  • कम अवसाद
  • कम उच्च रक्तचाप
  • मुश्किल समय में भी कम तनाव
  • अधिक सकारात्मक भावनाएँ
  • तनाव को संभालने की उच्च क्षमता

FAQ

प्रश्न : आध्यात्मिक विकास से मनुष्य को क्या मिलता है (how does spirituality affect your life) ?
उत्तर : आध्यात्मिक विकास से मनुष्य में मानसिक शांति व कई अन्य स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते है।
प्रश्न : आध्यात्मिक मनुष्य कौन है?
उत्तर : आध्यात्मिक मनुष्य बह है जिसमें दूसरों के प्रति भलाई की भावना, सत्यनिष्ठा, अपने काम के प्रति ईमानदारी और दूसरों की निंदा न करना जैसे गुण पाए जाते हैं।

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2 thoughts on “The emergence of spirituality in life — जीवन में आध्यात्मिकता का प्रादुर्भाव”

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